Success Story: बसों में पेन बेचकर की पढाई, एक बिज़नेस आईडिया से खड़ी कर दी 2700 करोड़ की कंपनी
Success Story: ज्यादातर लोग अपने जीवन में इसलिए कुछ बड़ा नहीं कर पाते क्योकि उनके पास पैसे नहीं होते है। किसी के पास अच्छे कॉलेज से कोई डिग्री नहीं होती है। कुछ लोग IIT, IIM जैसी किसी प्रतिष्ठित संस्था से वो कोई कोर्स नहीं कर पाते है। कुछ के उनके माता पिता, उनका समाज, उनका परिवार, सरकार उनकी मदद नहीं करते है।
कुछ ना करने के हजारो बहाने हो सकते है लेकिन कुछ करने के लिए एक अकेला कारण ही पर्याप्त होता है। जिसके दिल में आग लगती है उसे बाहर की आग की कोई जरुरत नहीं पड़ती। आज की ये बायोग्राफी एक ऐसे ही महान शख़्स की है जिसके पास ना पैसे थे, ना वो अपनी मनपसंद अच्छी शिक्षा ले पाया, न उनके माता पिता का कोई बिज़नेस था बल्कि इन्होने बिलकुल जीरो से शुरू करके अपने खुद के बलबूते पर 2700 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी।
कभी अपनी स्कूल की पढाई पूरी करने के लिए ये घर घर जाकर बसों ट्रेनों में पेन बेचा करते थे वही आज ये हजारो करोड़ो के मालिक है। आज हम बात कर रहे है Su-Kam कंपनी के कुंवर सचदेवा की। इन्हे भारत का इन्वेर्टर मन ऑफ़ इंडिया (Inverter Man of India) भी कहा जाता है। इनकी कंपनी के प्रोडक्ट्स की डिमांड सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि विदेशो में भी है।
गरीबी में बीता बचपन
कुंवर सचदेवा का बचपन बेहद ही गरीबी में बीता। शुरुवाती पढाई प्राइवेट स्कूल में हुई लेकिन जल्द ही परिवार में पैसो की तंगी आने के कारण छठी कक्षा में सरकारी स्कूल में दाखिला लेना पड़ा। सरकारी स्कूल में पढाई करते समय भी अपनी ड्रेस और कॉपी किताबो के पैसे इक्कठे करने के लिए ये घर घर जाकर लोगो को पेन बेचते थे। पेन बेचकर इक्कठा किये पैसो से अपनी किताबे खरीदकर पढाई करते थे।
सचदेवा का सपना डाक्टर बनने का था। डॉक्टर बनने के लिए एग्जाम भी दिया लेकिन उत्तीर्ण नहीं कर पाए। घर में इतने पैसे नहीं थे की किसी प्राइवेट कॉलेज से डॉक्टरी की पढाई कर पाते। इसी के चलते डॉक्टरी का सपना छोड़ना पड़ा।
करनी पड़ी छोटी सी नौकरी
घर की स्तिथि अच्छी ना होने के कारण कुंवर सचदेवा को जल्द ही अपनी पढाई पूरी होते ही केबल कम्युनिकेशन कंपनी में नौकरी करनी पड़ी। यहाँ इन्हे बेहद ही काम पैसे मिलते थे। लेकिन घर को चलाने के लिए पैसे की सख्त जरुरत थी तो नौकरी को भी नहीं छोड़ सकते थे।
यही पर काम करते करते कुंवर सचदेवा को केबल बिज़नेस में अपार सम्भावनाये दिखी। उन्होंने यही पर अपना बिज़नेस स्टार्ट करने का मन बना लिया और वो थोड़ा थोड़ा करके पैसे इक्कठा करने लगे ताकि कुछ टाइम बाद कंपनी छोड़ सके और उस जमा किये पैसे से घर का खर्चा चला सके। कुछ टाइम और जॉब करके और कुछ पैसे जोड़कर कुंवर सचदेवा ने कंपनी से रिजाइन दे दिया और SU-Kam नाम से अपनी कंपनी की नीव रखी। शुरू में इन्होने केबल बिज़नेस करने की सोची थी लेकिन बाद में खुद को इन्वेर्टर में फिक्स कर लिया।
कहा से आया इन्वेटर बिज़नेस का आईडिया
कुंवर सचदेवा ने बताया की उनके घर में एक इन्वेर्टर था। वह बार बार ख़राब हो जाता था। एक बार उसके रिपेयरिंग के लिए किसी को नहीं बुलाया बल्कि खुद ही उसे खोलकर देखने लगे। जब उन्होंने इन्वेर्टर को खोलकर देखा तो उन्हें लगा की ख़राब क़्वालिटी के पार्ट्स के कारण ये बार बार ख़राब हो जाता है। इसी कमी को ठीक करने के लिए कुंवर सचदेवा ने SU-Kam में 1998 में इन्वेर्टर बनाना शुरू किया और देखते ही देखते अपनी अच्छी क़्वालिटी की वजह से Su-Kam के इन्वेर्टर देश विदेश में छा गए।
आज है 2700 करोड़ के मालिक
आज के दिन कुंवर सचदेवा 2700 करोड़ के मालिक है। किसी टाइम पर वो जिन स्कूल या कॉलेज में पैसे की कमी के कारण नहीं पढ़ पाए थे वो आज उन्हें चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाते है। आज कंपनी के प्रोडक्ट्स भारत के साथ साथ पुरे विश्व में अपनी क़्वालिटी के लिए फेमस है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आज भारत में तीस लाख से ज्यादा लोग अपने घरो में Su-Kam के प्रोडेक्ट यूज़ करते है।
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